भारतीय संविधान की अनुसूचियां और उनके विषय ✍🏻

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जयपुर मेयर मुश्किल में:करौली और जयपुर की वोटर लिस्टों में नाम होने का मामला पहुंचा कोर्ट, निर्वाचन निरस्त करने की मांग

 



        जयपुर नगर निगम ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर के खिलाफ जिला न्यायालय में याचिका दायर हुई है। इसमें करौली जिले की वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होने के बावजूद भी जयपुर में वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने और पार्षद व मेयर का चुनाव लड़ने की प्रक्रिया को गलत ठहराते हुए निर्वाचन निरस्त करने की मांग की है। अब इस मामले पर सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।

        याचिकाकर्ता पिंकी यादव के वकील ए के जैन ने बताया कि नगर निगम ग्रेटर के वार्ड 87 से जब सौम्या गुर्जर ने चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरा तब उनका करौली जिले के ग्राम देवरी की मतदाता सूची में दर्ज था। उसी दौरान उन्होंने जयपुर नगर निगम की मतदाता सूची में भी अपना नाम दर्ज करवाते हुए चुनाव लड़ा।

        सौम्या ने 3 नवंबर 2020 को अपना नाम करौली जिले की वोटर लिस्ट से हटवाया। नियम के मुताबिक एक व्यक्ति किसी नगर पालिका का चुनाव तभी लड़ सकता हैं, जब वह उस नगर पालिका क्षेत्र का मतदाता हो। दो स्थानों पर मतदाता सूची में नाम होना और उस तथ्य को छिपाकर चुनाव लड़ना अवैध है।

        आपको बता दें कि जयपुर नगर निगम ग्रेटर चुनाव में वार्ड 87 से पिंकी यादव ने चुनाव लड़ा था। उस समय पिंकी यादव को 1242 वोट मिले थे, जबकि सौम्या गुर्जर को 2254 वोट। इस तरह दोनों के बीच जीत-हार का अंतर 1012 मतों का रहा था।

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