Rajasthan CET Graduation Level Syllabus 2024: Exam Pattern PDF, राजस्थान सीईटी स्नातक लेवल न्यू सिलेबस और एक्जाम पैटर्न जारी

  Rajasthan CET Graduation Level Syllabus 2024: CET परीक्षा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली एक सामान्य पात्रता परीक्षा है। अभ्यर्थी हर साल यह परीक्षा दे सकते हैं। राजस्थान सीईटी ग्रेजुएशन लेवल परीक्षा में पास होने के लिए उम्मीदवारों को 40% अंक हासिल करना अनिवार्य होगा। इस सीईटी ग्रेजुएशन लेवल में 11 भर्तियों को शामिल किया गया है। CET सर्टिफिकेट की वैधता एक साल के लिए रखी गई है। कर्मचारी बोर्ड द्वारा 21 सितम्बर से 24 सितम्बर 2024 तक सीईटी एग्जाम आयोजित किए जाएंगे। CET Notification 2024 के साथ ही CET Graduation Level New Syllabus और सीईटी ग्रेजुएशन लेवल एग्जाम पैटर्न भी जारी किया गया है। सीईटी 2024 सिलेबस अभ्यर्थी कर्मचारी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा हमने अभ्यर्थियों की सहायता के लिए इस आर्टिकल के अंत मे  RSMSSB CET Syllabus 2024 Download  करने का सीधा लिंक उपलब्ध करा दिया है सामान्य पात्रता परीक्षा ऑफलाइन आयोजित की जाएगी। सामान्य पात्रता परीक्षा 12वीं और स्नातक दो स्तरों पर आयोजित की जाएगी। सीईटी 12वीं स्तर परीक्षा में

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जीवनी

 प्रणब मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति हैं जिन्होंने जुलाई 2012 से पद संभाला है। इससे पहले वे छह दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे हैं और उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक माना जाता है। 80 वर्षीय मुखर्जी विदेशी मंत्री, रक्षा मंत्री, वाणिज्य मंत्री और वित्त मंत्री के रूप में अलग-अलग समय पर सेवा की वे दुर्लभ विशिष्टा के साथ शासन में अद्वितीय अनुभव वाले इंसान है।

वे 1969 से राज्य सभा के लिए 5 बार चुने गए थे ओर 2 बार लोक सभा के लिए 2004 में चुने गए थे। वे कांग्रेस वर्किंग समिति के सदस्य भी थे जो 23 वर्षो से सबसे ज्यादा निति बनाने वाली पार्टी है।



प्रणब मुखर्जी के बारेमें जानकारी – Pranab Mukherjee Information in Hindi

नाम (Name)प्रणब कुमार मुखर्जी
जन्म (Birthday)11 दिसम्बर 1935
जन्मस्थान (Birthplace)पश्चिम बंगाल
माता (Mother Name)राजलक्ष्मी मुखर्जी
पिता (Father Name)कामदा किंकर मुखर्जी
पत्नी (Wife Name)सुब्रा मुखर्जी
बच्चे (Childrens Name)
  • शर्मिष्ठा
  • अभिजीत
  • इन्द्रजीत
सन्मान (Awards)भारत रत्न (2019) पद्म विभूषण (2008)

2004 से 2012 के बिच में मुख़र्जी ने सरकार को कई बड़े निर्णय लेने में सहायता की जैसे प्रशासनिक सुधारों, राईट टू इनफार्मेशन, राईट टु एम्प्लॉयमेंट, खाद्य सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार, UIDAI को शुरू करने में, मेट्रो रेल आदी में। 70 और 80 के दशक में मुख़र्जी ने रीजनल रूलर बैंक की स्थापना की और EXIM बैंक की भी स्थापना की जो एक अंतर्राष्ट्रीय बैंक थी।

उन्होंने 1991 में गाडगिल फार्मूला भी बनाया था। एक शक्तिशाली वक्ता और विद्वान, श्री मुख़र्जी बौद्धिक और राजनीतिक कौशल के रूप में अच्छी तरह के रूप में उल्लेखनीय ज्ञान के अंतरराष्ट्रीय संबंधों वित्तीय मामलों और संसदीय प्रक्रिया को व्यापक रूप से प्रशंसा की। वो समाजस्य बिल्डर राष्ट्र के कठिन मुद्दों के निर्णय लेने में निश्चित ही तालियों के हक़दार है।

श्री मुखर्जी का जन्म मिरती पश्चिम बंगाल में 11 दिसम्बर 1935 में हुआ। उनके पिता का नाम कमादा किंकर मुखर्जी और माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था। उनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके पिता एक कांग्रेसी थे। वे कई बार जेल जा चुके थे। उन्होंने इतिहास, राजनीती विज्ञान, वकालत की मास्टर डिग्री कोलकाता विश्विद्यालय से ली थी।

उन्होंने अपना करिअर कॉलेज के प्राध्यापक के रूप में शुरू किया। बादमे पत्रकारिता भी की। अपने सहकर्मियों से प्रभावित होकर वे राजनीती में आए। 1969 में राज्य सभा के लिए संसद चुने गए। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के नेतृत्व में अपना राजनितिक पद जल्दी ही उन्होंने विस्तारित करवा लिया।

1973 से 1974 के बिच में उन्होंने, उप मंत्री, उद्योग मंत्री, वाहन और नववाहन मंत्री, इस्पात उद्योग मंत्री का कार्य किया। 1982 में पहली बार वित्त मंत्री बने। 1980 से 1985 के बिच में राज्य सभा में रहे। 1991 से 1996 के बिच में विदेशी मंत्री रहे। 1993 से 1995 के बिच वाणिज्य विभाग में काम किया।

2004 से 2006 के बिच में रक्षा मंत्री रहे। 2006 से 2009 में वे पुन्ह विदेश मंत्री बने। 2009 से 2012 में वे फिर वित्त मंत्री बने। और 2004 से 2012 में लोक सभा के सदस्य रहे। श्री मुखर्जी आइमफ वर्ल्ड बैंक के, एशियन डेवलपमेंट बैंक के और अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर बने।

बादमे उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम का वित्तय भार सम्भाला। उन्होंने भारतीय अर्थ व्यवस्था और राष्ट्रीय उत्थान के बारे में पुस्तक प्रकाशित की और उन्हें अपने जीवन में कई पुरस्कार भी मिले। पद्मभूषण 2008 में, बेस्ट पार्लियामेंट्रीयन अवार्ड 1997 में, बेस्ट पर्सन ऑफ़ इंडिया अवार्ड मिला।

2013 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ ढाका से वकालत के लिए डॉक्टर का सम्मान प्राप्त किया। वे अल्कड्स यूनिवर्सिटी से भी सम्मानित हुए। वे विश्व के प्रसिद्ध 5 वित्त मंत्रीयो में से एक कहलाये। 1984 में न्यू यॉर्क के यूरो मनी जनरल प्रकाशक के सर्वे द्वारा। इमर्जिंग मार्किट से उनको 2010 में एशिया का वित्त मंत्री ऑफ़ दी इयर अवार्ड मिला।

उनकी शादी शुवा मुखर्जी से हुई जो एक सिंगर थी। उनको 2 पुत्र और 1 पुत्री है। उन्हें अपना समय पुस्तक पढने में, गाने सुनने में व्यतीत करना पसंद है। मुखर्जी को यात्रा करना पसंद है वे भारत के कई स्थानों की और कई देशो की यात्रा कर चुके है।

प्रणब मुखर्जी की मृत्यु – Pranab Mukherjee Death

प्रणब मुखर्जी ने साल 2012 से 2017 तक देश 13वें प्रधानमंत्री के रुप में सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। 31 अगस्त 2020 को काफी लंबी बीमारी के बाद उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। उनकी मौत का कारण लंग्स इंफेक्शन बताया जा रहा है, उन्हें जीवन के अंतिम पलों मे  वेंटिलेटर सर्पोट पर भी रखा गया था।

डॉक्टरों की मानें तो ब्रेन सर्जरी के बाद से ही वे कोमा में थे। कई दिनों तक उनका इलाज दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भी चला। लेकिन इस दौरान उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई और 84 साल की उम्र में उन्होंने दम तोड़ दिया।

प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस का संकटमोचक भी कहा जाता था। उन्होंने फाइनेंस मिनिस्टर, डिफेंस मिनिस्टर, विदेशी मंत्री, वाणिज्य मंत्री जैसे पदों पर रहकर देश की सेवा की। वे अद्दितीय प्रतिभा वाले महान राजनेता थे। जिन्हें उनके नेक कामों के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा।

ज्ञानी पंडित की पूरी टीम की तरफ से प्रणब मुखर्जी जी को भावपूर्ण श्रद्दांजली।

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